Fixed rate of Interest vs Floating rate of Interest: हम सभी का एक सपना होता हैं , कि अपना घर होना चाहिए, यदि आप घर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो अपने सपने को साकार करने के लिए होम लोन लेना एक फायदेमंद निर्णय हो सकता है। लेकिन जब भी लोन लेना हो तब इसे सोच और समझकर लिया जाना चाहिए , क्योंकि यह हमारी जिंदगी का एक बहुत बड़ा फैसला होता हैं ,जो की हमारी फाइनेंसियल स्टेबिलिटी को प्रभावित कर सकता है।
जब भी Home loan लेने के लिए जाते हैं , तो बैंक ,गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां आपको दो तरह के interest rate ऑफर करता है।
- Fixed Rate Of Interest
- Floating Rate Of Interest
अधिकांश निवेशक अक्सर इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि निश्चित ब्याज दर या फ्लोटिंग दर चुनें,क्युकि दोनों interest rate के अपने अपने फायदे और नुकसान है, आइये जानते है इनके बारे में –
In This Article
जानिए क्या होता है Fixed Rate Of Interest ?
फिक्स्ड ब्याज दरों के मामले में, आपके लोन की ब्याज दर पूरी भुगतान अवधि के दौरान समान रहती है, इसलिए आपकी EMI भी समान रहती है। इसमें आपको अपनी Monthly Fixed EMI चुकानी होती है , जब तक की आपका loan tenure पूरा ना हो जाए।
फायदे:
- फिक्स्ड ब्याज दर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें ब्याज दरों में होने वाले बदलाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, अर्थात अगर ब्याज दरें बढ़ती भी हैं, तो आपका ब्याज दर स्थिर ही रहेगा।
- फिक्स्ड ब्याज दर आपको अपना बजट बनाने में आसानी होती हैं , क्योंकि आपको पता होता हैं की आपको अपने होम लोन के लिए कितना ब्याज देना पड़ता है
नुकसान:
- फिक्स्ड ब्याज दर में ब्याज दर 1 से 2.5% तक अधिक होती है।
- लोन अवधि के दौरान बैंक की ब्याज दरें कम होने पर आपको कोई लाभ नहीं मिलता है।
क्या होता है Floating Rate Of Interest ?
फ्लोटिंग ब्याज दर, जैसा कि शब्द से स्पष्ट है, एक ब्याज दर है जो बाजार की बदलती स्थितियों के साथ-साथ बदलती या परिवर्तित होती है,फ्लोटिंग के मामले में, आपके लोन की ब्याज दर घटती और बढ़ती रहती हैं।
फायदे:
- फ्लोटिंग ब्याज दरें आम तौर पर उसी बैंक या वित्तीय कंपनी द्वारा दी जाने वाली ब्याज की निश्चित दरों से 1% से 2.5% कम होती हैं। ब्याज का यह कम प्रतिशत आपको Monthly EMI पर महीने दर महीने पैसे बचाने में मदद कर सकता है।
- फ़्लोटिंग ब्याज दर में लोन लेने वालो को कोई प्री-पेमेंट या फोरक्लोज़र फीस नहीं देनी होती है।
नुकसान:
- फ्लोटिंग ब्याज दर में Monthly EMI ब्याज दर में बदलाव के साथ बदल जाती है,इसीलिए आपके मासिक बजट में परेशानी हो सकती है।
- फ्लोटिंग ब्याज दर में अगर ब्याज दरें बदलती है तो ,Floating rate of Interest भी बदलेगा, इसीलिए आपको भविष्य के लिए बजट बनाने में परेशानी का सामना करना पड़ता हैं
ब्याज दर बाजार की स्थितियों से निर्धारित होती है: फ्लोटिंग ब्याज दर लोन पर ब्याज दर काफी हद तक बाजार की स्थितियों पर निर्भर करती है, जो अक्सर गतिशील हो सकती है। अगर ब्याज दर इतनी बढ़ जाए कि Monthly EMI चुकाना मुश्किल हो जाए तो इससे काफी नुकसान हो सकता है। यह आपके सिबिल रिकॉर्ड को प्रभावित कर सकता है और बैंक आपको डिफॉल्टर के रूप में सूचीबद्ध कर सकता है, जो भविष्य में आपके लोन आवेदनों को प्रभावित कर सकता है।
यदि आपको भविष्य में होम लोन पर ब्याज दर में कमी की उम्मीद है तो आप फ्लोटिंग ब्याज दर का विकल्प चुन सकते हैं ।
इसे भी पढेंः क्या है टॉप-अप लोन, जाने क्या हैं टॉप-अप लोन के फायदे और कैसे करें अप्लाई