प्राचीन काल से आधुनिक काल तक ज्यादातर लोग गोल्ड में इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। गोल्ड में निवेश (Investment In Gold) करने पर कई तरह के फायदे मिलते हैं। दुनिया भर में गोल्ड सबसे लोकप्रिय मुद्रा है। भारत में भी ज्यादातर लोग गोल्ड में इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं
गोल्ड में इन्वेस्ट करने का एकमात्र तरीका आभूषण नहीं है। गोल्ड में इन्वेस्ट करने के कई तरीके है यहाँ जानते है कि आप गोल्ड में इन्वेस्ट कैसे करे
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1.गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड को शेयरों की तरह खरीद सकते हैं। इस सुविधा को ही Gold ETF (Exchange Traded Fund) कहते हैं। इन्वेस्टमेंट के लिए गोल्ड ईटीएफ लोकप्रिय है क्योंकि यह सरल और सुविधाजनक है। BSE और NSE पर शेयर की तरह गोल्ड ETF भी खरीद-बिक्री की जाती है। गोल्ड ETF से खरीदे गए सोने की शुद्धता 99.5% होती है ETF के जरिए सोना यूनिट्स में खरीदते हैं, जहां एक यूनिट एक ग्राम की होती है। जब भी आप इसे बेचना चाहें, तब ही आपको गोल्ड के भाव के बराबर पैसे मिल जाते हैं। इसके लिए आपके पास ट्रेडिंग डीमैट अकाउंट होना जरूरी है। इसके बाद ही आप गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं।
2.डिजिटल गोल्ड
आजकल गोल्ड ऑनलाइन (Digital Gold) भी खरीद सकते हैं। यानि गोल्ड में इन्वेस्ट कर सकते है , डिजिटल सोना खरीदने के लिए कई ऐप उपलब्ध हैं। इसके लिए बहुत ज्यादा पैसा खर्च नहीं करना होगा। आप गोल्ड खरीदकर अपनी सुविधानुसार इन्वेस्ट कर सकते हैं।अपने स्मार्टफोन से आसानी से डिजिटल गोल्ड में इन्वेस्ट किया जा सकता है फोनपे (PhonePe), अमेजन पे (Amazon Pay), गूगल पे (Google Pay) और अन्य प्लेटफॉर्मों पर यह सुविधा उपलब्ध है। हालांकि यहां आपको 3% जीएसटी के अलावा कुछ अन्य चार्जेज भी देने पड़ सकते हैं.
3.फिजिकल गोल्ड
सोने के गहने, सिक्के और बिस्किट खरीदने का चलन कई सालो से चला आ रहा है। भारत में शादी हो या कोई भी त्यौहार हो सोने को आभूषण के रूप में अक्सर खरीदते हैं,ये एक सुविधाजनक इन्वेस्टमेंट है इसमें कोई डीमेट अकाउंट की जरूरत भी नहीं होती है न ही कोई ब्रोकरेज चार्ज लगता है और जब आवश्यकता हो गोल्ड पर आसानी से लोन लिया जा सकता है
कई बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कम्पनीज (NBFC) गोल्ड पर 80 % तक लोन देते है। हालांकि इसमें सोने की शुद्धता सुनिश्चित करनी पड़ती है। कई एक्सपर्ट ज्वैलरी खरीदने को गोल्ड में इन्वेस्टमेंट का सही तरीका नहीं मानते हैं। इसकी वजह मेकिंग चार्ज और जीएसटी है।
4. सॉवरेन गोल्ड बांड
2015 में ‘सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड’ या ‘सोने के संप्रभु बांड’ योजना आरम्भ की गई थी। ये बॉन्ड रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) एक तरह से सरकारी बॉन्ड होता है जिसका मूल्य रुपये या डॉलर में नहीं , बल्कि सोने के वजन में होता है। और एक इन्वेस्टर 4 किलो तक गोल्ड खरीद सकता है और न्यूनतम निवेश 1 ग्राम सोना है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में जारी कीमत पर हर साल 2.50% का निश्चित ब्याज मिलता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इन्वेस्टमेंट के लिए भी डीमैट अकाउंट जरूरी होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में 8 साल तक के लिए इन्वेस्टमेंट करना होता है. हालांकि, 5 साल पुरे होने के बाद जब चाहें तब अपनी हिस्सेदारी बेच सकते हैं
इन बॉन्ड पर लोन भी लिया जा सकता है सरकारी स्कीम होने के कारण यह इन्वेस्टमेंट पूरी तरह सुरक्षित होता है.
क्या मुझे गोल्ड में इन्वेस्ट करना चाहिए?
गोल्ड में इन्वेस्ट करने का निर्णय आपके वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता पर निर्भर करता है। गोल्ड मुद्रा में उतार-चढ़ाव के खिलाफ बचाव के रूप में कार्य कर सकता है, गोल्ड कई मायनों में एक अच्छा इन्वेस्टमेंट है। गोल्ड इन्वेस्टमेंट से आप लंबे समय में अच्छी कमाई कर सकते हैं,मुश्किल परिस्थितियों में इन्वेस्टमेंट प्राइस में बहुत अधिक गिरावट नहीं होती है।
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